Thursday, March 30, 2017

*किडनी रहे फिट तो आप रहें हिट*

*किडनी रहे फिट तो आप रहें हिट* 

स्‍वस्‍थ किडनी के लिए उपाय 
1) नमक की कम मात्रा
किडनी की समस्‍या से ग्रस्‍त लोगों को अपने आहार में नमक व प्रोटीन की मात्रा कम रखनी चाहिए जिससे किडनी पर कम दबाव पड़ता है।
2) नियमित एक्‍सरसाइज करें
प्रतिदिन नियमित रूप से एक्‍सरसाइज और शारीरिक गतिविधियां को करने से रक्तचाप व रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखा जा सकता हैं, जिससे डायबिटीज और उससे होने वाली क्रोनिक किडनी की बीमारी के खतरे को कम ‍किया जा सकता है।
3) मैग्नीशियम का सेवन
मैग्नीशियम की कमी से उच्‍च रक्तचाप और विषाक्त पदार्थों के बढ़ जाने से किडनी का काम प्रभावित होने लगता है। इसलिए पर्याप्‍त मात्रा में मैग्‍नीशियम को अपने आहार में शामिल करें। इसके लिए अपने आहार में हरी सब्जियां, बीज, नट और साबुत अनाज को शमिल करें।
4) डायबिटीज पर नियंत्रण
डायबिटीज को किडनी पर बहुत बुरा असर पड़ता है। या आप यह कह सकते है कि डायबिटीज किडनी का सबसे बड़ा शत्रु है। इसलिए ब्‍लड में शुगर की मात्रा नियंत्रित रहना आवश्यक होता है।
5) पानी का अधिक सेवन
कम मात्रा में पानी पीने से किडनी को नुक़सान होता है। पानी की कमी के कारण किडनी और मूत्रनली में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। जिससे पोषक तत्वों के कण मूत्रनली में पहुंचकर मूत्र की निकासी को बाधित करने लगते हैं। इसलिए किडनी के रोगों से बचने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहना चाहिए।
6) धूम्रपान का सेवन न करें
धूम्रपान का सेवन कई गंभीर समस्याओं का कारण हो सकता है, विशेषकर फेफड़े संबंधी रोगों के लिए। इसके सेवन से रक्त नलिकाओं में रक्त का बहाव धीमा पड़ जाता है और किडनी में रक्त कम जाने से उसकी कार्यक्षमता घट जाती है। इसलिए धूम्रपान के सेवन से बचें। 

Friday, March 24, 2017

बड़ी इलायची खाने से आपको kitne fayede hai

बड़ी इलायची खाने से आपको कभी सांस की बीमारी नहीं होगी। अगर आपको अस्थमा, लंग में कोई भी इंफेक्शन है तो बड़ी इलायची का सेवन करने से ठीक हो सकती है। सर्दी खासी में भी इसको खाने से आप फिट हमेशा रहेंगे।
आपके बॉडी से खराब और जहरीली चीजों को निकाल बाहर करने में मदद करता है यह बड़ी इलायची। बॉडी में यूं तो कई बार कुछ पदार्थ जमा हो जाते हैं जिससे निकाल बाहर करना बहुत जरूरी हो जाता है। ऐसे में बड़ी इलायची बहुत उपयोगी होता है।
अक्सर कुछ लोगों के मुंह से बदबू आने की शिकायत रहती है। उन्हें इस समस्या में बड़ी इलायची को चबाना चहिए। यह ना सिर्फ मुंह के बदबू या यूं कहें गंदी स्मेल को दूर करने का काम करती है बल्कि मुंह के अंदर होने वाली कोई भी इनफेक्शन या घावो को ठीक भी करने का काम करती है।
क्या आपको हमेशा सिर में दर्द होने की शिकायत रहती है. तो ऐसे में आप बड़ी इलायची के ऑइल से अपने सिर का मसाज करिए और असर दिखेगा। आपके सिर का दर्द जल्दी ही ठीक हो जाएगा।
बड़ी इलायची से केंसर जैसी बड़ी बीमारियां भी दूर रहती है। बड़ी इलायची सिर्फ नाम में ही बड़ी नहीं बल्कि इसके गुण भी बड़े-बड़े हैं। बड़ी इलायची को खाना शुरू कर दें ताकि आप खमेशा हेल्दी और खुश रहें।
पाचन दुरुस्त करती हैं : बड़ी इलायची का सेवन Gastrointestinal system के लिए खास करके फायदेमंद होता हैं. इसका शरीर के हाज़मे पर बहुत ही अच्छा असर होता हैं. इसके सेवन से एसिडिटी की समस्या से छुटकारा मिलता हैं. इसके नियमित सेवन से गैस्ट्रिक अल्सर और दूसरी पाचन संबंधी बीमारियो का ख़तरा काफ़ी कम हो जाता हैं।
फेफड़े से रिलेटेड बीमारियो में लाभदायक : बड़ी इलायची दमा के रोगियो और साँस संबंधित बीमारियो से जूझ रहे लोगो के लिए खास करके के फायदेमंद हैं. इसके नियमित सेवन से अस्थमा, कुकुर खाँसी, फेफड़े का सिकूड़ना, फेफड़े की सूजन और तपेदिक (टीबी) आदि रोगो से छुटकारा पाया जा सकता हैं।
गुर्दे की बीमारी दूर करता हैं : बड़ी इलायची को यूरिनरी हेल्थ के लिए अच्छा माना जाता हैं. यह एक बेहतरीन डाइयुरेटिक भी हैं. इसके सेवन से ना सिर्फ़ यूरिनेशन सही रहता हैं, बल्कि किडनी से रिलेटेड बीमारिया भी दूर रहती हैं।
एंटी-ऑक्सिडेंट्स से भरपूर : बड़ी एलाईच एंटी-ऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता हैं. इसमे दो तरह के एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं, लेकिन खास तौर पर एंटी-कैंसर एंटी-ऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं. यह ब्रेस्ट, कोलन और ओवेरियन कैंसर को रोकता हैं. इससे कैंसर सेल का निर्माण और विकास रुक जाता हैं।
बालों को मजबूत बनाता हैं : बड़ी इलायची के सेवन से बाल काले, घने और मजबूत बन जाते हैं. इसमे मौज़ूद तत्वो के कारण बालो को पोषण मिलता हैं. बड़ी इलायची बालो को मजबूत बनाती हैं।
ज़हरीले तत्वो को बाहर निकालता हैं : बड़ी इलायची एक बेहतरीन डेटोक्स का भी काम करती हैं. यह शरीर से विषैले (ज़हरीले) तत्वो को बाहर निकाल कर शरीर को सेहतमंद बनाती हैं।
स्किन को ग्लोयिंग बनाता हैं : बड़ी इलायची के नियमित सेवन से स्किन चमकने लगती हैं. स्किन एलर्जी की समस्या में बड़ी इलायची अपने एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण नेचुरल रेमेडी की तरह काम करती हैं।
दर्द में रामबाण : बड़ी इलायची में दर्द को दूर करने की अनोखी क्षमता पाई जाती हैं. विशेषकर, सिरदर्द में तो यह रामबाण की तरह काम करती हैं. इससे तैयार किए जाने वाले खुसबूदार तेल का इस्तेमाल करने से सिरदर्द, टेंशन और थकान जैसी समस्याएँ दूर हो जाती हैं।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं : बड़ी इलायची में एंटी-सेपटिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं. इसमे 14 तरह के बैक्टीरिया को ख़त्म करने की शक्ति होती हैं. इसे खाने से बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन से बचाव होता हैं।
ब्लड प्रेशर के रोगियो के लिए फायदेमंद : बड़ी इलायची दिल के मरीज़ो के लिए काफ़ी फायदेमंद हैं. इससे ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता हैं. अगर आप नियमित रूप से बड़ी इलायची का सेवन करेंगे तो आपका दिल हेल्दी रहेगा. यह खून के जमने की संभावना को भी काफ़ी हद तक कम कर देता हैं।
खून के प्रवाह को बेहतर बनाता हैं : बड़ी इलायची में विटामिन सी और ज़रूरी खनीज़ भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके नियमित सेवन से रक्त का प्रवाह बेहतर होता हैं और शरीर सेहतमंद बना रहता हैं।
दांतो की समस्या में रामबाण : बड़ी इलायची के सेवन से दांतो और मसूड़ो के इन्फेक्शन से छुटकारा पाया जा सकता हैं. साथ ही सांसो की बदबू भी दूर होती हैं।
बड़ी इलायची को पीसकर मस्तिष्क पर लेप करने से एवं बीजों को पीसकर सूंघने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
बड़ी इलायची को पीसकर शहद में मिलाकर छालों पर लगाने से छाले ठीक हो जाते हैं।
यदि दांत में दर्द हो रहा हो तो बड़ी इलायची और लौंग के तेल को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर पीड़ायुक्त दांत पर लगाएं ,दर्द में शांति मिलेगी।
यदि अधिक थूक या लार आती हो तो बड़ी इलायची और सुपारी को बराबर-बराबर पीसकर, 1-2 ग्राम की मात्रा में लेकर चूसते रहने से यह कष्ट दूर हो जाता है।
पांच से दस बूँद बड़ी इलायची तेल में मिश्री मिलाकर नियमित सेवन करने से दमा में लाभ होता है।
दो ग्राम सौंफ के साथ बड़ी इलायची के 8-10 बीजों का सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ती है।
एक ग्राम बड़ी इलायची बीज चूर्ण को दस ग्राम बेलगिरी के साथ मिलाकर प्रातः सायं सेवन करने से दस्तों में लाभ होता है।
पिसी हुई राई के साथ बड़ी इलायची चूर्ण मिलाकर 2-3 ग्राम की मात्रा में नियमित सेवन करने से लीवर सम्बंधित रोगों में लाभ होता है।
एक से दो बड़ी इलायची के चूर्ण को दिन में तीन बार नियमित सेवन करने से शरीर का दर्द ठीक होता है।

गुर्दे और मूत्राशय की पत्थरी में रामबाण तरबूज के बीज

गुर्दे और मूत्राशय की पत्थरी में रामबाण तरबूज के बीज।

इस गर्मी तरबूज आएंगे तो उनको खाने के बाद जो बीज आप फेंक देते हो वो बीज इस बार फेंकिएगा मत। इनसे बनेगी गुर्दे की पत्थरी की अचूक दवा। तरबूज के बीजो की मींगी(गिरी) पत्थरी में रामबाण है। सिर्फ 5 से 7 दिन में गुर्दे और मूत्राशय की पत्थरी निकालने में बहुत सक्षम है। तीन से सात दिन प्रयोग करने के बाद अपना रिजल्ट ज़रूर बताएं। आइये जाने ये प्रयोग।

तरबूज के बीजो का छिलका निकाल लें और ऐसी तरबूज के बीजों की मींगी 12 ग्राम लेकर सिल बट्टे पर पानी के साथ खूब बारीक घोट पीस लें। जितना अधिक घोटा जाए उतना ही लाभकारी रहेगा। फिर इसमें 500 ग्राम पानी अच्छी तरह मिला लें। अंत में ज़रुरतानुसार इतनी पीसी हुयी मिश्री मिला लें के ये मीठा हो जाए। इस तरबूज के बीज की सर्दाई को एक बार में धीरे धीरे करके पी जाएँ। एक बार में न पी सकें तो पांच मिनट के अंतर पर दो बार में पी जाएँ। आवश्यकतानुसार तीन से सात दिन तक लें। ये प्रयोग तीन से सात दिन तक रोज़ सुबह खाली पेट लेना है। अगर पत्थरी बड़ी हो तो थोड़े दिन ज़्यादा भी करना पड़ सकता है।
पत्थरी का यह सरल और शीघ्र प्रभावोत्पादक प्रयोग है। इस प्रयोग से गुर्दे और मूत्राशय (मसानों) की पत्थरी जड़ से समाप्त हो जाती है।
इस प्रयोग से हृदयताप तथा हृदय के अनेक रोग भी नष्ट होते हैं।

मधुमेह के रोगी बिना मिश्री यह प्रयोग करें।   *~

ध्यान क्यों करना चाहिए?

ध्यान क्यों करना चाहिए?
ध्यान में क्या ताकत है?
ध्यान साधना का क्या महत्व है....?
जब100 लोग एक साथ साधना करते है तो उत्पन्न लहरें
5 कि.मी.तक फैलती है और नकारात्मकता नष्ट कर
सकारात्मकता का निर्माण करती है।
आईस्टांईन नें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कहा था के
एक अणु के विधटन से लगत के अणु का विधटन होता
है,
इसीको हम अणु विस्फोट कहते है।
यही सुत्र हमारे ऋषि, मुनियों ने हमें हजारो साल
पहले दिया था।
आज पृथ्वी पर केवल4% लोंग ही ध्यान करते है
लेकिन बचे 96% लोंगो को इसका पॉजिटिव इफेक्ट
होता है।
अगर हम भी लगातार 90 दिनो तक ध्यान करे तो
इसका सकारात्मक प्रभाव हमारे और हमारे परिवार
पर दिखाई देगा।
अगर पृथ्वी पर 10% लोंग ध्यान करनें लगे
तो पृथ्वी पर विद्यमान लगभग सभी समस्याओं को
नष्ट करने की ताकत ध्यान में है।
उदारहण के लिए हम बात करे तो महर्षि महेश योगी
जी ने सन् 1993 में वैज्ञानिकों के समक्ष यह सिद्ध
किया था।।
हुआ यू कि उन्होने वॉशिंगटन डि सी में 4000
अध्यापको को बुलाकर एक साथ ध्यान(मेडिटेशन)
करने को कहा और चमत्कारीक परिणाम यह था कि
शहर का क्राईम रिपोर्ट 50% तक कम हुवा पाया
गया।
वैज्ञानिकों को कारण समझ नहीं आया और उन्होनें
इसे
``महर्षि इफेक्ट"यह नाम दिया।
भाईयों यह ताकत है ध्यान मे।
हम हमारे भौतिक और आध्यात्मिक यश को , कम से कम श्रम करके अधिक से अधिक साध सकते है।
``जरुरत है ध्यान से स्वयं को खोजनें की"

गुरुप्रदत्त साधन सहज ही हमें ईश्वर से जोड़ देता है और इससे उत्पन्न सूक्ष्म तरंगें ब्रह्मांड में फैल कर विश्व का कल्याण करती हैं।

घरेलू उपाय

घरेलू उपाय

1. दो चम्मच धनिया उबालकर सेवन
करने से आँव में फौरन लाभ होगा ।
2. प्रात: काल बिना कुछ खाए 5दाने
मुनक्का खाने से कब्ज दूर होती है ।
3. लौंग के तेल की दो-तीन बूँदें चीनी
या बतासे के साथ लेने से हैजे में
फायदा होता है ।
4. एक गिलास गरम पानी में डेढ़ चम्मच
शहद गरारे करने से बैठा हुआ गला ठीक
हो जाता है और आवाज खुल जाती है

5. शहद और अदरक का रस एक-एक
चम्मच मिलाकर सुबह शाम पीने से
जुकाम ठीक हो जाता है ।
6. एरंडी के तेल में कपूर मिलाकर सुबह
शाम मसूड़ों पर मलें यह प्रयोग मसूड़ों
के लिये अत्यंत लाभकारी है।
7. अमरूद के पत्तों को एक लीटर पानी
में डालकर काढ़ा तैयार कीजिये ।
8. पत्तियों को इतना उबालिये की
उनका रस उस पानी में आ जाए और
पानी उबले दूध की तरह गाढ़ा हो
जाए ।
9. इस काढ़े को बार-बार कुल्ला
कीजिये, इससे भयानक से भयानक
दांत का दर्द भी दूर हो जायेगा ।
10. हल्दी और दूध गर्म कर उसमें गुड़
मिलाकर पीने से जुकाम, कफ व शरीर
दर्द से राहत मिलती है ।
11. जायफल के तेल का फाहा दांत में
रखने से दंतक्षय रुक जाता है । और दांत
के कीड़े मर जाते है । और दांत की
पीड़ा भी शांत होती है ।
12. देसी घी को जरा सा गरम करके
उसमें चुटकी भर नमक मिलाकर होंठों
पर मलें, होंठों का फटना बंद हो
जायेगा ।
13. जहां खटमल दिखाई दें वहां
नारंगी का छिलका कुचलकर रख दें
खटमल नौ दो ग्यारह हो जाएंगे ।
14. भुने हुये प्याज को पीसकर उसमें
जीरे का चूर्ण और मिश्री मिलाकर
खाने से लू का प्रकोप नष्ट होता है ।
15. मुख की दुर्गंध तथा छाले दूर करने के
लिये अनार की छाल पानी में उबाल
कर थोड़ी देर मुंह में रखकर गरारे करें ।
16. खांसी आने पर अरबी की सब्जी
खाएं इससे खांसी को तुरंत आराम
मिलेगा|
17. तुलसी के पत्तों का रस चीनी में
मिलाकर पीने से दिन में दो-तीन बार
प्याज खाने या इमली को भिगो कर
उसका पानी पीने से लू नहीं लगती ।
18. जले हुये स्थान पर केले का गूदा
लगाने से जलन मिटेगी व फफोले नहीं
पड़ेगे ।
19. कत्था पानी में घोल कर गाढ़ा-
गाढ़ा छालों पर लेप करें या गाय के
दूध से बने दही में पका केला मिलाकर
खाएं, छाले बिल्कुल ठीक हो जाएंगे ।
20. गन्ने का रस पीलिया रोग में बड़ा
लाभ-प्रद है यह पीलिया की जड़
काट देता है ।
21. कपूर के चूर्ण को नारियल तेल में
मिलाकर रात को सिर में लगायें सुबह
किसी अच्छे शैम्पू से सिर धो ले जुएं मर
जाएंगे ।
22. ततैया काटने पर कटे हुये स्थान पर
तुरंत मिट्टी का तेल लगाएं, जलन शांत
हो जाएगी ।
23. एक चम्मच तुलसी का रस, एक चम्मच
अदरक का रस और एक चम्मच शहद
मिलाकर दिन में तीन-चार बार सेवन
करने से कफ तथा खांसी में राहत
मिलती है । ...

💪 *आपका स्वास्थ्य आपके हाथ*💪
*पेट के छाले* *अल्सर* के लिए केला बहुत इफेक्टिव होता है| केला में antibactirial कंपाउंड होते है जो इसे बढ़ाने वाले H.pylori कंपाउंड को बढ़ने से रोकता है| पेट में होने वाली एसिडिटी और गैस से भी केला बचाता है| पेट की परत को केला मजबूत बनाता है| केला 2 तरह से उपयोग में ला सकते है| अल्सर के उपचार के लिए रोज 2-3 केला का सेवन करें| अगर आपको केला पसंद नहीं तो आप इसका मिल्कशेक बनाकर भी पी सकते है|
• केले के पतले पतले स्लाइस कर लें, फिर इसे धुप में सूखा लें| अब इसे मिक्सी में पीस कर पाउडर बना लें| अब 2 tbsp इस पाउडर को लें और 1 tbsp इसमें शहद मिलाएं| इस मिक्सचर को दिन में 3 बार खाएं| 1 हफ्ते तक इस प्रक्रिया को करते रहें| आपको ulcer से आराम मिलेगा|।

परिजात (हरसिंगार ) के प्रयोग


1. पारिजात पेड़ के पांच पत्ते तोड़ के पत्थर में पिस के चटनी बनाइये और एक ग्लास पानी में इतना गरम करो के पानी आधा हो जाये फिर इसको ठंडा करके पियो तो बीस बीस साल पुराना गठिया का दर्द इससे ठीक हो yजाता है-
2. और ये ही पत्ते को पीस के गरम पानी में डाल के पियो तो बुखार ठीक कर देता है और जो बुखार किसी दावा से ठीक नही होता वो इससे ठीक होता है; जैसे चिकनगुनिया का बुखार, डेंगू फीवर, Encephalitis , ब्रेन मलेरिया, ये सभी ठीक होते है-
3. पारिजात बावासीर रोग के निदान के लिए रामबाण औषधी है। इसके एक बीज का सेवन प्रतिदिन किया जाये तो बवासीर रोग ठीक हो जाता है। पारिजात के बीज का लेप बनाकर गुदा पर लगाने से बवासीर के रोगी को राहत मिलती है-
4. इसके फूल हृदय के लिए भी उत्तम औषधी माने जाते हैं। वर्ष में एक माह पारिजात पर फूल आने पर यदि इन फूलों का या फिर फूलों के रस का सेवन किया जाए तो हृदय रोग से बचा जा सकता है-
5. इतना ही नहीं पारिजात की पत्तियों को पीस कर शहद में मिलाकर सेवन करने से सूखी खाँसी ठीक हो जाती है-
6. इसी तरह पारिजात की पत्तियों को पीसकर त्वचा पर लगाने से त्वचा संबंधि रोग ठीक हो जाते हैं। पारिजात की पत्तियों से बने हर्बल तेल का भी त्वचा रोगों में भरपूर इस्तेमाल किया जाता है-
7. पारिजात की कोंपल को यदि पाँच काली मिर्च के साथ महिलाएँ सेवन करें तो महिलाओं को स्त्री रोग में लाभ मिलता है। वहीं पारिजात के बीज जहाँ बालों के लिए शीरप का काम करते हैं तो इसकी पत्तियों का जूस क्रोनिक बुखार को ठीक कर देता है-

हरी मिर्च! ke fayede

हरी मिर्च!
हरी मिर्च हमारे स्वाद में तीखे की कमी को ही पूरा नहीं करती है, बल्कि इसमें भारी मात्रा में विटामिन भी होते हैं। हरी मिर्च में विटामिन- ए और सी पर्याप्त मात्रा में होते हैं।

आंखों की रोशनी

हरी मिर्च में कई तरह के पोषक तत्व तो मौजूद होते ही हैं। साथ ही हरी मिर्च खाने से आंखों की रोशनी भी तेज होती है। हमेशा कोशिश करें कि खाने में लाल मिर्च को शामिल करने के बजाय हरी मिर्च का इस्तेमाल करें।

पोषक तत्वों से है भरपूर

हरी मिर्च में सिर्फ विटामिन्स ही नहीं बल्कि अन्य पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। हरी मिर्च में विटामिन- ए, बी6, सी, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं।

पाचन क्रिया

लाल मिर्च या अन्य तरह के चटपते मसाले हमारी पाचन क्रिया को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं। जबकि हरी मिर्च खाने से हमारी पाचन क्रिया दुरुस्त तो रहती है। साथ ही सुचारू रूप से काम भी करती है।

तनाव रहित जीवन

हरी मिर्च खाने से तनाव और चिंता होने के चांस नहीं रहते हैं। बल्कि एक नई स्टडी के मुताबिक हरी मिर्च का सेवन हमारे मस्तिष्क में एंडोर्फिन का संचार करती है। जिससे हमारा मूड काफी हद तक फ्रेश रहता है।

चीनी एक जहर है जो अनेक रोगों का कारण है, जानिये कैसे

 चीनी एक जहर है जो अनेक रोगों का कारण है, जानिये कैसे...
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(1)-- चीनी बनाने की प्रक्रिया में गंधक का सबसे अधिक प्रयोग होता है । गंधक माने पटाखों का मसाला
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(2)-- गंधक अत्यंत कठोर धातु है जो शरीर मेँ चला तो जाता है परंतु बाहर नहीँ निकलता ।
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(3)-- चीनी कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाती है जिसके कारण हृदयघात या हार्ट अटैक आता है ।
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(4)-- चीनी शरीर के वजन को अनियन्त्रित कर देती है जिसके कारण मोटापा होता है ।
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(5)-- चीनी रक्तचाप या ब्लड प्रैशर को बढ़ाती है ।
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(6)-- चीनी ब्रेन अटैक का एक प्रमुख कारण है ।
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(7)-- चीनी की मिठास को आधुनिक चिकित्सा मेँ सूक्रोज़ कहते हैँ जो इंसान और जानवर दोनो पचा नहीँ पाते ।
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(8)-- चीनी बनाने की प्रक्रिया मेँ तेइस हानिकारक रसायनोँ का प्रयोग किया जाता है ।
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(9)-- चीनी डाइबिटीज़ का एक प्रमुख कारण है ।
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(10)-- चीनी पेट की जलन का एक प्रमुख कारण है ।
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(11)-- चीनी शरीर मे ट्राइ ग्लिसराइड को बढ़ाती है ।
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(12)-- चीनी पेरेलिसिस अटैक या लकवा होने का एक प्रमुख कारण है।
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(13) चीनी बनाने की सबसे पहली मिल अंग्रेजो ने 1868 मेँ लगाई थी ।उसके पहले भारतवासी शुद्ध देशी गुड़ खाते थे और कभी बीमार नहीँ पड़ते थे ।
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फ्रीज़ किए गए नींबू के आश्चर्यजनक

फ्रीज़ किए गए नींबू के आश्चर्यजनक


सबसे पहले नींबू को धोकर फ्रीज़र में रखिए
८ से १० घंटे बाद वह बर्फ़ जैसा ठंडा तथा कड़ा हो जाएगा
अब उपयोग मे लाने के लिए उसे कद्दूकस कर लें
इसे आप जो भी खाएँ उस पर डाल कर इसे खा सकते हैं
इससे खाद्य पदार्थ में एक अलग ही टेस्ट आऐगा
नीबू के रस में विटामिन सी होता है। ये आप जानते हैं,आइये देखें इसके और क्या-क्या फायदे हैं

🍋नीबू के छिलके में ५ से १० गुना अधिक विटामिन सी होता है और वही हम फेंक देते हैं

🍋नींबू के छिलके में शरीर कॆ सभी विषेले द्रव्यों को बाहर निकालने की क्षमता होती है

🍋नींबू का छिलका कैंसर का नाश करता है , इसका छिलका कैमोथेरेपी से १०,००० गुना ज्यादा प्रभावी है

🍋यह बैक्टेरियल इन्फेक्शन, फंगस आदि पर भी प्रभावी है

🍋नींबू का रस विशेषत: छिलका,  रक्तदाब तथा मानसिक दबाव को नियंत्रित करता है

🍋नींबू का छिलका १२ से ज्यादा प्रकार के कैंसर में पूर्ण प्रभावी है और वो भी बिना किसी साईड इफेक्ट के

इसलिये आप अच्छे पके हुए तथा स्वच्छ नींबू फ्रीज़र में रखें और कद्दूकस कर प्रतिदिन अपने आहार के साथ प्रयोग करें




۞ ∥ आयुर्वेदिक दोहे ∥ ۞

۞ ∥ आयुर्वेदिक दोहे ∥ ۞


१Ⓜदही मथें माखन मिले, केसर संग मिलाय,
होठों पर लेपित करें, रंग गुलाबी आय..
२Ⓜबहती यदि जो नाक हो, बहुत बुरा हो हाल,
यूकेलिप्टिस तेल लें, सूंघें डाल रुमाल..
३Ⓜअजवाइन को पीसिये , गाढ़ा लेप लगाय,
चर्म रोग सब दूर हो, तन कंचन बन जाय..
४Ⓜअजवाइन को पीस लें , नीबू संग मिलाय,
फोड़ा-फुंसी दूर हों, सभी बला टल जाय..
५Ⓜअजवाइन-गुड़ खाइए, तभी बने कुछ काम,
पित्त रोग में लाभ हो, पायेंगे आराम..
६Ⓜठण्ड लगे जब आपको, सर्दी से बेहाल,
नीबू मधु के साथ में, अदरक पियें उबाल..
७Ⓜअदरक का रस लीजिए. मधु लेवें समभाग,
नियमित सेवन जब करें, सर्दी जाए भाग..
८Ⓜरोटी मक्के की भली, खा लें यदि भरपूर,
बेहतर लीवर आपका, टी.बी भी हो दूर..
९Ⓜगाजर रस संग आँवला, बीस औ चालिस ग्राम,
रक्तचाप हिरदय सही, पायें सब आराम..
१०Ⓜशहद आंवला जूस हो, मिश्री सब दस ग्राम,
बीस ग्राम घी साथ में, यौवन स्थिर काम..
११Ⓜचिंतित होता क्यों भला, देख बुढ़ापा रोय,
चौलाई पालक भली, यौवन स्थिर होय..
१२Ⓜलाल टमाटर लीजिए, खीरा सहित सनेह,
जूस करेला साथ हो, दूर रहे मधुमेह..
१३Ⓜप्रातः संध्या पीजिए, खाली पेट सनेह,
जामुन-गुठली पीसिये, नहीं रहे मधुमेह..
१४Ⓜसात पत्र लें नीम के, खाली पेट चबाय, दूर करे मधुमेह को, सब कुछ मन को भाय..
१५Ⓜसात फूल ले लीजिए, सुन्दर सदाबहार,
दूर करे मधुमेह को, जीवन में हो प्यार..
१६Ⓜतुलसीदल दस लीजिए, उठकर प्रातःकाल,
सेहत सुधरे आपकी, तन-मन मालामाल..
१७Ⓜथोड़ा सा गुड़ लीजिए, दूर रहें सब रोग,
अधिक कभी मत खाइए, चाहे मोहनभोग..
१८Ⓜअजवाइन और हींग लें, लहसुन तेल पकाय,
मालिश जोड़ों की करें, दर्द दूर हो जाय..
१९Ⓜऐलोवेरा-आँवला, करे खून में वृद्धि,
उदर व्याधियाँ दूर हों,जीवन में हो सिद्धि..
२०Ⓜदस्त अगर आने लगें, चिंतित दीखे माथ,
दालचीनि का पाउडर, लें पानी के साथ..
२१Ⓜमुँह में बदबू हो अगर, दालचीनि मुख डाल,
बने सुगन्धित मुख, महक, दूर होय तत्काल..
२२Ⓜकंचन काया को कभी, पित्त अगर दे कष्ट,
घृतकुमारि संग आँवला, करे उसे भी नष्ट..
२३Ⓜबीस मिली रस आँवला, पांच ग्राम मधु संग,
सुबह शाम में चाटिये, बढ़े ज्योति सब दंग..
२४Ⓜबीस मिली रस आँवला, हल्दी हो एक ग्राम,
सर्दी कफ तकलीफ में, फ़ौरन हो आराम..
२५Ⓜनीबू बेसन जल शहद, मिश्रित लेप लगाय,
चेहरा सुन्दर तब बने, बेहतर यही उपाय..
२६.Ⓜमधु का सेवन जो करे, सुख पावेगा सोय,
कंठ सुरीला साथ में, वाणी मधुरिम होय..
२७.Ⓜपीता थोड़ी छाछ जो, भोजन करके रोज,
नहीं जरूरत वैद्य की, चेहरे पर हो ओज..
२८Ⓜठण्ड अगर लग जाय जो नहीं बने कुछ काम, नियमित पी लें गुनगुना, पानी दे आराम..
२९Ⓜकफ से पीड़ित हो अगर, खाँसी बहुत सताय,
अजवाइन की भाप लें, कफ तब बाहर आय..
३०Ⓜअजवाइन लें छाछ संग, मात्रा पाँच गिराम, कीट पेट के नष्ट हों, जल्दी हो आराम..
३१Ⓜछाछ हींग सेंधा नमक, दूर करे सब रोग,
जीरा उसमें डालकर, पियें सदा यह भोग..।


सभी जिलाधिकारियों न0आजसे Dt16/3/2017 UP मे व्हाट्सआप पर ऑन लाइन

सभी जिलाधिकारियों न0आजसे Dt16/3/2017 UP मे व्हाट्सआप पर ऑन लाइन
कर दिए है।
यदि कोई अधिकारी ,कर्मचारी,आडिटर आपका शोषण करता या रिश्वत माँगता है तो आप उनके विरूद्ध सीधे। डीएम के व्हाट्सआपकायत कर सकते है।उत्तर प्रदेश के सभी जिलों  के जिलाधिकारियों के संपर्क...
District Magistrate Uttar Pradesh CUG
No's
Sl.No District CUG No.
1 DM Agra 9454417509
3 DM Aligarh 9454415313
4 DM Allahabad 9454417517
5 DM Ambedkar Nagar 9454417539
6 DM Amroha 9454417571
7 DM Auraiya 9454417550
8 DM Azamgarh 9454417521
9 DM Badaun 9415908422
10 DM Baghpat 9454417562
11 DM Bahraich 9454417535
12 DM Ballia 9454417522
13 DM Balrampur 9454417536
14 DM Banda 9454417531
15 DM Barabanki 9454417540
16 DM Bareilly 9454417524
17 DM Basti 9454417528
18 DM Bijnor 9454417570
19 DM Budaun 9454417525
20 DM Bulandshahar 9454417563
21 DM Chandauli 9454417576
22 DM Chitrakoot 9454417532
23 DM CSJM Nagar 9454418891
24 DM Deoria 9454417543
25 DM Etah 9454417514
26 DM Etawah 9454417551
27 DM Faizabad 9454417541
28 DM Farrukhabad 9454417552
29 DM Fatehpur 9454417518
30 DM Firozabad 9454417510
31 DM Gautambudh Nagar 94544
32 DM Ghaziabad 9454417565
33 DM Ghazipur 9454417577
34 DM Gonda 9454417537
35 DM Gorakhpur 9454417544
36 DM Hamirpur 9454417533
37 DM Hapur 8449053158
38 DM Hardoi 9454417556
39 DM Hathras 9454417515
40 DM J.P.Nagar 5922262999
41 DM Jalaun 9454417548
42 DM Jaunpur 9454417578
43 DM Jhansi 9454417547
44 DM Kannauj 9454417555
45 DM Kanpur Nagar 9454417554
46 DM Kashiram Nagar 9454417516
47 DM Kaushambhi 9454417519
48 DM Kheri 9454417558
49 DM Kushinagar 9454417545
50 DM Lalitpur 9454417549
51 DM Lucknow 9454417557
52 DM Maharaj Ganj 9454417546
53 DM Mahoba 9454417534
54 DM Mainpuri 9454417511
55 DM Mathura 9454417512
56 DM Mau 9454417523
57 DM Meerut 9454417566
58 DM Mirzapur 9454417567
59 DM Moradabad9897897040
61 DM MRT 1212664133
62 DM Muzaffar Nagar 9454417574
63 DM Mzn 9454415445
64 DM PA Mujeeb 9415908159
65 DM Pilibhit 9454417526
66 DM Pratapgarh 9454417520
67 DM Raebareili 9454417559
68 DM Ramabai Nagar 9454417553
69 DM Rampur 9454417573
70 DM Saharanpur 9454417575
71 DM Sambhal 9454416890
72 DM Sant Kabir Nagar 9454417529
73 DM Sant Ravidaas Nagar
9454417568
74 DM Shahjhanpur 9454417527
75 DM Shamli 9454416996
76 DM Shrawasti 9454417538
77 DM Siddhathnagar 9454417530
78 DM Sitapur 9454417560
79 DM Sonbhadra 9454417569
80 DM Sultanpur 9454417542
81 DM Unnao 9454417561
82 DM Varansi 9454417579

ना जुर्म करे ना होने दे।

करे सीधे जिलाधिकारी से संपर्क।


Monday, March 20, 2017

99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता

99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता


बनाने की विधि :

पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें। पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार।

इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती। दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें।

पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है।इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व 2 बजे ली जा सकती हैं।खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।प्रयोगकाल में तली चीजें, चावल आदि न लें। मांस, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें। नमक, चिकनाई का प्रयोग बंद कर दें।अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश, गुग्गुल, दही, छाछ आदि लें ।

Monday, March 13, 2017

हार्ट अटैक : ना घबराये ....!!

हार्ट अटैक : ना घबराये ....!!
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सहज सुलभ उपाय ....
99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता....

पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल, गुलाबी कोंपलें न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें।

पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार ...!!

इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः से लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती ! ...

दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें ...

* पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है।
* इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व 2 बजे ली जा सकती हैं।
* खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।
* प्रयोगकाल में तली चीजें, चावल आदि न लें। मांस, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें। नमक, चिकनाई का प्रयोग बंद कर दें।
* अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश, गुग्गुल, दही, छाछ आदि लें। ...

तो अब समझ आया, भगवान ने पीपल के पत्तों को हार्टशेप में क्यों बनाया !! ...